पृष्ठभूमि
इतिहास[1] का अर्थ है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाओं और उन घटनाओं के विषय में धारणाओं को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करना, जिससे एक ऐसा चित्र उपस्थित हो जो सार्थक और सुसंबद्ध हो । दुसरे शब्दों में कहें तो प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है ।
इतिहास का एक आधार युगविशेष और घटनास्थल के वे अवशेष या ऐतिहासिक सामग्री हैं जो किसी न किसी रूप में प्राप्त होते हैं । जहां तक संभव हुआ, हमारी कोशिश रही है कि इन पृष्ठों की जानकारी प्रामाणिक तथ्यों पर ही आधारित हो । जहां सूचना का कोई प्रामाणिक स्रोत नहीं था, हमने ध्यान रखा है कि उपलब्ध सूचना प्रामाणिक तथ्यों के विरोध में न हो । हमने यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया है कि इन पृष्ठों में निहित जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त की गयी हो ।
यहाँ भारतीय ऐतिहासिक सामग्री से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण आयाम समझना बहुत आवश्यक है । पश्चिमी संस्कृतियों में जो लिखित रूप में उपस्थित होता है उसे ही ब्रह्मवाक्य मान लिया जाता है । वैदिक काल में हमारे ऋषियों ने जाना कि लिखित सामग्री की व्याख्या पढ़ने वाले की शब्दावली, अनुभवों, और मान्यताओं पर निर्भर करती है । खासकर जब परब्रह्मा से सम्बंधित लिखित ज्ञान की व्याख्या एक अनुभवहीन व्यक्ति द्वारा की जाती है तो उसके गलत होने की संभावना बहुत अधिक होती है । उन्होंने पाया कि मौखिक माध्यम से हस्तांतरित अनुभवात्मक ज्ञान कहीं अधिक विश्वसनीय है । इसलिए हमारा अधिकांश इतिहास, सभ्यता, और संस्कृति सदियों से गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से हस्तांतरित वैदिक ज्ञान पर आधारित है ।
भारतीय इतिहास
भारत[2] में मानव जीवन का प्राचीनतम प्रमाण १००,००० से ८०,००० वर्ष पूर्व का है । पाषाण युग की चट्टानों पर चित्रों का कालक्रम ४०००० BCE से ९००० BCE माना जाता है ।
वैदिक ज्ञान का संबसे पुराना ग्रन्थ १४००० BCE में विज्ञानं भैरव के रूप में मिलता है, जो ११२ संस्कृत शोलोकों का संग्रह है । १४५०० BCE से ९००० BCE के बीच भारत में द्रविड सभ्यता, जो विभिन्न क्षेत्रों में अत्य आधुनिक थी, का विकास हुआ । लगभग ९००० BCE से ७००० BCE के बीच पश्चिमी प्रवासी बस्तियां, आर्य सभ्यता के रूप में, उत्तर पश्चिम में सिन्धु घाटी[3] में विकसित हुई ।
सारांश
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी वेदवीर, जो एक संस्कृत विद्वान और भारत के कालानुक्रमिक इतिहास में गहरी अंतर्दृष्टि रखने वाले शोधकर्ता हैं, उन्होंने मूल रूप में विभिन्न अभिलेखों का गहन अध्ययन किया और औपनिवेशिक इतिहासकारों और उनके अनुयायियों द्वारा प्रस्तुत भारत के कालक्रम की आलोचना की[4] । भारतीय इतिहास की प्राचीनता पर किए गए यह अग्रणी शोध भारत का कालक्रम[5] नामक पुस्तकों की एक श्रृंखला में उपलब्ध है ।
| खंड | काल | अवधि | टिप्पणी |
|---|---|---|---|
| आदिकालीन युग | अनादिकालीन युग | कालातीत - १४५०० BCE | सृजन से संबंधित वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार |
| पूर्वकालीन युग | १४५०० BCE - १०५०० BCE | आदियोगी, प्रारंभिक वैदिक ज्ञान, और इसका विश्वव्यापी फैलाव | |
| पुरातन युग | १०५०० BCE - ९००० BCE | वैदिक ज्ञान का प्रसार, वेदांत, और द्रविड़ सभ्यता का विकास | |
| मध्यकालीन युग | सत युग | ९००० BCE - ६७७७ BCE | द्रविड़ और पश्चिमी आर्य संस्कृतियों के बीच संघर्ष |
| त्रेता युग | ६७७७ BCE - ५५७७ BCE | द्रविड़ और आर्य संस्कृति का समावेश | |
| द्वापर युग | ५५७७ BCE - ३१७६ BCE | धर्म की पुनर्व्याख्या और स्थापना | |
| कलि युग | ३१७६ BCE - २०००+ BCE | समग्र सांस्कृतिक विकास, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, और समृद्धि | |
| ध्यान युग | २००० BCE - १ BCE | वैदिक ज्ञान की सूचीबद्धता और ध्यान योग का परिचय | |
| नवकालीन युग | सांकेतिक युग | १ CE - १००० CE | आसान कहानी रूपों में वैदिक ज्ञान की प्रस्तुति |
| भक्ति युग | १००० CE - १५०० CE | भक्ति योग का विकास और प्रारंभिक पश्चिमी आक्रमण | |
| माध्यमिक युग | १५०० CE - १९५० CE | भारत में मुगल और अंग्रेजी शासन, और वैदिक ज्ञान का दमन | |
| आधुनिक युग | १९५० CE - वर्तमान | स्वतंत्रता के बाद देश का सामाजिक और आर्थिक विकास |
संदर्भ
- विकिपीडिआ , एक मुक्त ज्ञानकोश. इतिहास. https://hi.wikipedia.org/wiki/इतिहास
- विकिपीडिआ , एक मुक्त ज्ञानकोश. भारत का इतिहास. https://hi.wikipedia.org/wiki/भारत_का_इतिहास
- विकिपीडिआ , एक मुक्त ज्ञानकोश. सिंधु घाटी सभ्यता. https://hi.wikipedia.org/wiki/सिंधु_घाटी_सभ्यता
- YouTube, Vedveer Arya. Unsolved Puzzles Of Indian Chronology. https://www.youtube.com/watch?v=Do3HVreruO4
- YouTube, Vedveer Arya. The Chronology of India. https://www.youtube.com/watch?v=7FIyk-wH1C0